रूस ने किया वीटो पावर का दुरुपयोग

पचास देशों ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा है कि रूस ने यूक्रेन में रूसी सैन्य कार्रवाई की निंदा करते हुए यूएनएससी के एक प्रस्ताव को रोककर अपनी Veto Power का “दुरुपयोग” किया।

लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड

रूस के वीटो के बाद अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने कहा, “हम यूक्रेन और उसके लोगों के पीछे एकजुट हैं

संयुक्त अरब अमीरात और भारत ने भी अमेरिका द्वारा तैयार किए गए पाठ पर मतदान से परहेज किया। शेष 11 परिषद सदस्यों ने पक्ष में मतदान किया। मसौदा प्रस्ताव को अब 193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा उठाए जाने की उम्मीद है

यूरोपीय संघ के सभी देशों ने रूस को किसी भी तरह के लड़ाकू विमान देने के लिए प्रतिबंध लगाया है। साथ में रूस के साथ इस लड़ाई में कोई भी देश खड़ा नहीं होगा

यूक्रेन के राष्ट्रपति का बयान

मैं देश को छोड़कर भागने वाला नहीं हूं मुझे पैसे और हथियारों की जरूरत है। देश के नागरिको से देश के साथ खड़े होने की अपील की है

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद “वीटो पावर” संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (चीन, फ्रांस, रूस, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका) के पांच स्थायी सदस्यों की किसी भी “मूल” प्रस्ताव को वीटो करने की शक्ति है।

वीटो संयुक्त राष्ट्र का सबसे अलोकतांत्रिक तत्व है, साथ ही युद्ध अपराधों और मानवता के खिलाफ अपराधों पर निष्क्रियता का मुख्य कारण है