Shrimad Bhagwat Geeta will be taught in Gujarat schools : गुजरात सरकार ने अपनी नई शिक्षा निति का एलान कर दिया है। जिसमे साफ़ शब्दों में लिखा गया है की गुजरात के सरकारी स्कूलों में 6 कक्षा से 12बी कक्षा तक के पाठ्यक्रम में श्रीमद्भागवत गीता को हिस्सा बनाया जाएगा। स्कूल में श्रीमद्भागवत गीता पढ़ाने का मकसद लोगो गीता के मूल्य से परिचित कराना है। गीता के श्लोको का भी कक्षा में गायन किया जायेगा।
गुजरात में बर्तमान सरकार का कार्यकाल 18 फरवरी, 2023 तक है। ऐसे में गुजरात में इस बर्ष के अंत तक चुनाव होने है। कुछ राजनितिक पंडित श्रीमद्भागवत गीता का स्कुल में पढाये जाने को फैसले को चुनावो से जोड़ कर देख रहे है। स्कूल में श्रीमद्भागवत गीता पढाये जाने को हिन्दू वोटर को रिझाने का तर्क भी बहुत लोग दे रहे है। जो मुसलमान गुजरात में रह रहे उनकी तरफ से अभी इस विषय पर कोई भी प्रतिक्रिया नहीं आई है। क्या गुजरात के मुसलमान इस नई शिक्षा नीति का स्वागत करेंगे या फिर विरोध।
श्रीमद्भागवत गीता क्या है – Shrimad Bhagwat Geeta will be taught in Gujarat schools
भगवान श्री कृष्ण ने महाभारत के युद्ध को शुरू होने से पहले अर्जुन को उपदेश दिए थे। जिसे हम आज श्रीमद्भागवत के नाम से जानते है। अर्जुन से युद्ध शुरू होने से पहले ही हथियार डाल दिए थे। भगवान श्री कृष्ण के उपदेश के उपदेश के उपरांत अर्जुन युद्ध के लिए तैयार हो गए थे।
श्रीमद्भागवत गीता में 18 अध्याय और 700 श्लोक हैं। भगवान श्री कृष्ण ने उपदेश के मध्यम से अर्जुन को कर्म , धर्म के सच्चे ज्ञान से अवगत कराया है। श्रीमद्भागवत गीता का जितना महत्ब उस समय था आज भी उतना ही है।
श्रीमद्भागवत गीता को सिर्फ एक धार्मिक उपनिषद ही नहीं बल्कि दार्शनिक दृष्टिकोण बाला उपनिषद माना जाता है। गीता को सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरी में पढ़ा जाने बाला उपनिषद है। इस उपनिषद दार्शनिक दृष्टिकोण होना ही सबसे बड़ी विशेषता है।
आधुनिक जनजीवन में गीता का महत्ब
आधुनिक जनजीवन में गीता का महत्ब को देखते हुए ही गुजरात सरकार ने पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया है। गीता में भगवान श्री करीना ने अर्जुन को जो उपदेश दिए उन्हें अपने जीवन में धारण करके जीवन को सफल बना सकते है। ऐसे बहुत से लोग है जिन्होंने ने अपनी सफलता का श्रेय श्रीमद्भागवत गीता को दिया है। एटम बम के निर्माता ने भी कहा था की उनको एटम बम बनाने का सूत्र श्रीमद्भागवत गीता में मिला था।
गीता के उपदेश है श्री कृष्ण ने कहा की ” कर्म करो फल की इच्छा मत करो ” यदि हम फल की इच्छा से कोई भी कार्य करेंगे तो हम उस कार्य में कभी सफल नहीं हो सकते है। हमारा काम है कर्म करना यदि हम दिल लगा के कर्म करेंगे तो उसका फल हमें जरूर मिलेगा। भगवान कर्म का फल जरूर देते है। आपको सिर्फ कर्म करना है।
भगवत गीता में क्या क्या लिखा है?
गीता हिन्दू धर्म के चार बेदो का सार है। गीता में जीव विकास , मानव उत्पत्ति ,सृष्टि उत्पत्ति , योग , देवी-देवता, उपासना ,भगवान , धर्म-कर्म, ईश्वर , मोक्ष, अंतरिक्ष, आकाश, धरती, यम-नियम, राजनीति, युद्ध , प्रार्थना, जीवन प्रबंधन, राष्ट्र निर्माण, आत्मा, कर्मसिद्धांत, संस्कार, वंश, कुल, नीति, अर्थ ,त्रिगुण की संकल्पना, सभी प्राणियों में मैत्रीभाव ,पूर्वजन्म, प्रारब्ध, आदि सभी की जानकारी है। गीता का मुख्य ज्ञान श्रेष्ठ मानव बनना, ईश्वर को समझना और मोक्ष की प्राप्ति है।
भगवत गीता क्या संदेश देती है?
भगवत गीता हमें उपदेश देती है की इंसान सत्य के मार्ग पर चल कर भगवान् की प्राप्ति कर सकता है। मोक्ष प्राप्त करके जीवन मरण के चक्र से अपने आप को मक्त कर सकता है। शरीर मर सकता है परन्तु आत्मा अज़र अमर है। किसी भी कार्य को करते हुए अपने कर्म पर ध्यान देना है तो फल पर।
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